जहरीली गैस कांड संघर्ष मोर्चा को 7 दिसंबर 1984 को बना था एवं जिसकी याचिका पर भोपाल गैस पीड़ितो को सर्वोच्च न्यालय के फेसले में 350 करोड़ का अंतरिम मुआवजा मिला यह मोर्चा पिछले 34 साल से निरंतर गैस पीड़ितो के पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहा है | इस मोर्चे ने ही एक बड़ा देश व्यापक जन आंदोलन तैयार किया था जिसके बाद ओधोगिक जिम्मेदारी पर कानून बना, जो आज भी कानून विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता है | भोपाल गैस कांड की पूर्व संध्या पर मोर्चे ने रोशनपुरा चौराहा न्यू मार्केट पर गैस प्रतिमा,अब्दुल जब्बार जी एवं अलोक प्रताप सिंह जी की फोटो के आगे के आगे मोमबत्ती जलाकर एवं मोंन रहकर दिवंगत आत्माओं को श्रधांजलि दी एवं दुनिया मै होने वाले ओधोगिक हादसों मै मरने वालो अथवा, ओधोगिक जिम्मेदारियों तय बढती उपभोक्तावाद अथवा पर्यावरण में बदलाव पर भी चर्चा की गई | मौके पर यु.का के परिसर में पड़े जहरीले कचरे को हटाये जाने केव लिये मोर्चे द्वरा चलाये जा रहे ऑनलाइन पीटिशन के बारे मै भी बताया गया | इस पीटिशन को अभी तक 65000 लोग भोपाल से अथवा अन्य जगहों से समर्थन दे चुके है | इस कचरे को हटाने की याचिका मोर्चे के संस्थापक स्व. श्री अलोक प्रताप सिंह ने 2004 में लगाई थी | एवं सर्वोच्च न्यायल ने इसको हटाने का आदेश इस याचिका पर 2014 में दे दिया था | 2015 में टन कचरा टेस्ट करने के बाद भी यह अभी तक नहीं हटाया गया है | मोर्चे के कार्यकारी सदस्यों ने बताया की कई विदेशी चंदे से चलने वाले ट्रस्ट एवं संस्थाये अपने स्वार्थ के लिए इसे नहीं हटवाना चाहते | इन ट्रस्टो ने याचिका में भी अडचने डालने का प्रयास निरंतर किया है | कार्यक्रम में मंत्री पी.सी शर्मा जी,आसिफ जकी, पूर्व पार्षद रामू गजभिये, वामन जंजाले, फेसी बाई, हलीम खान, फिरोज जहाँ, मोहन मैथिल, अजय यादव एवं बड़ी संख्या में कोर्डिनेटरस उपस्थित रहे |अनन्य प्रताप सिंह कार्यकारी सदस्य सहभागी संस्थाएं सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर, जन शिक्षण संस्थान भोपाल -2, राजीव स्मृति गैस पीड़ित पुनर्वास केन्द्र, सोसाइटी फॉर डेमोक्रेटिक पोलिटिकल रिफार्म,महिला स्व सहयता विकास फेडरशन, कर्मा क्लेक्टीवी,
भोपाल श्रद्धांजलि जहरीली गैस कांड संघर्ष मोर्चा को 7 दिसंबर 1984 को बना था एवं जिसकी याचिका पर भोपाल गैस पीड़ितो को सर्वोच्च न्यालय के फेसले में 350 करोड़ का अंतरिम मुआवजा मिला यह मोर्चा पिछले 34 साल से निरंतर गैस पीड़ितो के पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहा है